पापा- कितनी फ्रीक्वेंसी का भूकंप आया था।
( लड़के ने कागज़ लिखकर लड़की को पकड़ाया,
प्रार्थना की – “भगवान, मुझे खाने को ऐसा कुछ
आदमी : नहीं, वो तो अलमारी में चली गयी, इसमे मेरी सास है।
एक खिड़की खोल देता था और कहता था, ‘गर्मी लग रही है, इसलिए खिड़की खुली रहने दो।’
गुरूजी उत्साहित होकर बीच मे ही कहते हैं = हाँ, शाबास, बता क्या कहा श्रीकृष्ण ने अर्जुन से……..?????????
रमेश – देखो डूबा या नहीं पत्नी – नहीं जी…
इतने में उसकी नजर दूसरी बेंच के नीचे छुपे नौजवान पर पड़ी।
क्या तुम जानते हो कि नेहरु जी जब तुम्हारी उम्र के थे तो अपनी कक्षा के मॉनिटर थे ?
ग्राहक – ऐसा आभास जब हुआ ! किसी ने होटल में घुसते ही मेरी जेब की सफाई कर दी।
लड़का- नहीं तेरे चक्कर में इतनी उधारी हो गयी है क़ि जीना मुश्किल है..
दूसरा मूर्ख बोला- गाडी का टायर बर्स्ट help with porn addiction हो गया है।
तीसरा कैदी – अजी, यह तो कुछ भी नहीं। मैं जब चौथी बार जेल पहुंचा तो जेलर बोला – हे भगवान ! तू फिर आ गया।
पण्डित जी -तुम्हरा विवाह एक पियक्कड से होगा और विवाह के पश्चात कुछ वर्षों तक तुम बहुत दुखी रहोगी।